मित्रों हम संकल्प करें इस मधुर मिलन की होली में।
भर कर रंगों से मन को हम खूशबू लाएं बोली में ।
भर कर रंगों से मन को हम खूशबू लाएं बोली में ।
मीन मेख के बदले सबमें कुछ न कुछ अच्छा खोजें।
अहित सोचने के बदले में सबका ही हम हित सोचें।
मन की कालिख धो कर हम, अंतस्तल उज्जवल कर दें।
प्यार भरे रंगों से सबके मन को हम विह्वल कर दें।
भ्रातृ भाव पैदा करने का अलख जगाता रहता हूँ
स्वस्थ रहें सानंद रहें मैं यही कामना करता हूँ।
(भीम बली कुँवर)
अहित सोचने के बदले में सबका ही हम हित सोचें।
मन की कालिख धो कर हम, अंतस्तल उज्जवल कर दें।
प्यार भरे रंगों से सबके मन को हम विह्वल कर दें।
भ्रातृ भाव पैदा करने का अलख जगाता रहता हूँ
स्वस्थ रहें सानंद रहें मैं यही कामना करता हूँ।
(भीम बली कुँवर)
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